जैसा कि आप सभी जानते हैं इस समय संपूर्ण विश्व एक वैश्विक त्रासदी से गुजर रहा है,प कोरौना नाम की यह वैश्विक महामारी
किसी एक दो राष्ट्र को नहीं बल्कि लगभग संपूर्ण विश्व को अपने लपेटे में ले चुका है। यद्यपि इस वैश्विक महामारी के उद्गम स्थान को लेकर के चीन और अमेरिका में एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है फिर भी अधिकतम लोगों का मानना यही है कि इस महामारी का जन्म चीन में हुआ। फिलहाल जो भी हो या तो स्पष्ट है कि यह महामारी किसी भी देश में अवतरित हुआ हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, बल्कि आज की सच्चाई यह है कि आज संपूर्ण विश्व अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हो चुका है। दुनिया भर के चिकित्सक अभी इस महामारी का इलाज खोजने में विफल रहे हैं। यह तो स्पष्ट है कि आने वाले कल में इस वैश्विक महामारी का भी अंत सुनिश्चित है हमें विश्वास रखना चाहिए जल्द ही इस वैश्विक महामारी का इलाज संभव हो जाएगा किंतु फिर भी वर्तमान समय में संपूर्ण विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब तक इस महामारी का इलाज नहीं मिल जाता तब तक क्या होगा क्योंकि इस महामारी की वजह से विश्व भर के बाजार बंद हो चुके हैं सभी बड़े देशों की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है कई विकसित देश जो अपने आप को चिकित्सकीय सुविधाओं का सबसे आधुनिक व्यवस्था देने का वादा करते थे वह आज इस महामारी की चपेट में ऐसे आए कि उन्हें अपने ही लोगों का इलाज करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। संपूर्ण विश्व को चिकित्सकीय सुविधाओं के लिए प्रेरित करने वाला इटली आज अपने ही नागरिकों का इलाज करने में असमर्थ साबित हो रहा है बेशक कल इस महामारी का इलाज हो जाए लेकिन आज इस महामारी से लड़ने के लिए हमारे पास कोई हथियार नहीं है।
आप सभी जानते हैं अभी हमारे पास इस महामारी का कोई जवाब नहीं है हां इसका बचाव जरूर है अगर हम अपने आपको सतर्क रखे। आज संपूर्ण विश्व को बचाने की जिम्मेदारी सिर्फ चुनी हुई सरकारों की नहीं बल्कि आम जनता की है सरकारें लॉक डाउन और कर्फ्यू जैसी स्थिति को लागू करके हमें नियंत्रित सतर्कता अपनाने का संदेश दे रही हैं, किंतु आज भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो अज्ञानता व यह मूर्खता हुआ लॉक डाउन का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर इस बीमारी को समय से नहीं रोका गया तो यह हम सभी का विनाश करने में सक्षम है अगर आपको यकीन नहीं है तो आप वैश्विक स्तर पर इसका आकलन कर सकते हैं।
आइए हम आपको कुछ विकसित देशों का उदाहरण देते हैं ।
अमेरिका
संपूर्ण विश्व का सबसे विकसित राष्ट्र जो सभी देशों को चिकित्सकीय और आर्थिक सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम है किंतु आज अपने ही नागरिकों का इलाज करने में असमर्थ नजर आ रहा है विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना मरीज अमेरिका में पाए गए हैं।
इटली
विश्व का वह राष्ट्र जो स्वयं नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व मानता है उसके यहां चिकित्सकीय सुविधा सर्वोत्तम है किंतु आज इस वैश्विक महामारी से मरने वालों की सबसे ज्यादा संख्या इटली में है।
ईरान
एक और वैश्विक महाशक्ति जो अपने दम पर कुछ भी करने की हिम्मत रखता है किंतु इस वैश्विक महामारी के आगे घुटने टेक कर खड़ा है और अपने ही लोगों को बचाने में असमर्थ नजर आ रहा है।
स्पेन
आर्थिक दृष्टि से बहुत ही संपन्न राष्ट्र किंतु इस वैश्विक महामारी में स्थिति यह है कि राज परिवार के लोगों को भी बचाना मुश्किल हो गया है यहां के राजकुमारी का निधन विश्व समाज के लिए यह संदेश है कि पैसे से इस महामारी का इलाज संभव ही नहीं है।
चीन
इस वैश्विक महामारी का उत्पादक देश विश्व की सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था किंतु जब इस वैश्विक महामारी ने चीन में अपना असर दिखाया तो वहां की व्यवस्था भी चरमरा गई मरने वालों की वास्तविक संख्या पर आज भी संदेह बना हुआ है बेशक चीन की सरकार मरने वालों की संख्या 3500 हजार के आसपास बता रही हो किंतु आज भी कई बड़ी समाचार एजेंसियों का कहना है कि वहां पर मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है।
इंग्लैंड
एक ऐसा राष्ट्र जिसने लगभग संपूर्ण विश्व पर राज किया है आज की वर्तमान हकीकत यह है कि वहां के राजकीय परिवार प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री तक को कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
अब तो आप समझ ही चुके होंगे कि यह कितनी बड़ी वैश्विक त्रासदी है और यदि हम नहीं समझे तो 135 करोड़ की आबादी वाले इस देश में इस वैश्विक महामारी को संभालना असंभव है। विश्व भर की अर्थव्यवस्था नष्ट हो चुकी है जर्मनी के तो एक मंत्री ने आत्महत्या तक कर ली। अभी भी समय है अपने आप को संभालिए और सामाजिक दूरी बनाने का प्रयास करिए क्योंकि यही एकमात्र विकल्प अभी तक नजर आ रहा है जिससे हम इस वैश्विक महामारी को अपने देश में फैलने से रोक सकते हैं। अभी हम एक ऐसी स्थिति में खड़े हैं जहां से हम इस वैश्विक महामारी को नियंत्रित कर सकते हैं और अगर हमने ऐसा कर लिया यह हमारी सबसे बड़ी जीत होगी क्योंकि भारत एक सघन आबादी वाला राष्ट्र है यहां पर यदि बीमारी तेजी से फैलने शुरू हो गई तो ना तो हमारा चिकित्सकीय व्यवस्था इतना मजबूत है कि हम सभी का इलाज कर पाए और ना ही हमारी आर्थिक व्यवस्था इतनी सुदृढ़ हैं कि हम विदेशों से चिकित्सकीय सुविधाएं आयात कर सकें और सबसे बड़ा प्रश्न तो यह है कि अगर हम विदेशों से कुछ लेना भी चाहे तो भी हमे इस वैश्विक महामारी के सिवा कुछ नहीं मिलेगा क्योंकि संपूर्ण विश्व स्वयं ही अपने आप को संभालने में व्यस्त हैं फिर हमारी सहायता कौन कैसे कर सकता है